स्वराज विमर्श यात्रा -- लांबाखोह, बूंदी राजस्थान

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स्वराज विमर्श यात्रा -- लांबाखोह, बूंदी राजस्थान

स्वराज विमर्श यात्रा -- लांबाखोह, बूंदी राजस्थान

5 जनवरी 2025


स्वराज विमर्श यात्रा यात्रा अहमदाबाद से बूंदी राजस्थान पहुंची। यहां नाहर संस्थान बून्दी द्वारा पर्यावरण संरक्षण - जल प्रबंधन पर संवाद और सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जलपुरुष श्री राजेन्द्र सिंह जी मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के संरक्षक महाराव राजा वंशवर्धन सिंह बूंदी ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था संरक्षक महाराव राजा वंशवर्धन सिंह द्वारा मुख्य अतिथि राजेन्द्र जी को माला पहनाकर स्वागत करते हुए किया गया। 

मुख्य वक्ता राजेन्द्र सिंह जी ने जल संरक्षण, नदियों के पुनर्जन्म और नदी घाटी प्रबंधन पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि, जमीन-जंगल-जल हमारे जीवन का आधार हैं और इनके संरक्षण के बिना हमारे भविष्य की कल्पना अधूरी है। इनका संरक्षण प्रकृति के साथ प्रेम व्यवहार से ही संभव है। प्रेम का व्यवहार किए बिना इस प्रकृति का रक्षण-संरक्षण नहीं हो सकता। हमें सामुदायिक जल-संरक्षण का प्रत्यक्ष जमीनी काम करके, जल उपयोग दक्षता बढ़ाकर, कम जल खपत में अधिक उत्पादन के प्रशिक्षण भी साथ ही साथ चलाकर, खेत का पानी खेत में-गांव का पानी गांव में उपयोग करने की चेतना बढ़ानी होगी।

बैठक में उपस्थित तारामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के उपक्षेत्र संरक्षक एवं उपक्षेत्र निदेशक संजीव शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिर्जव के विकास में सहयोग व जंगलों में पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए समय समय पर संस्था के सदस्यों के योगदान सराहनीय है। 

कार्यक्रम के दौरान, संस्था ने राजेन्द्र सिंह ’वाटर मैन ऑफ इंडिया’ को जल संरक्षण के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए स्मृति चिन्ह प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। वन विभाग बून्दी की ओर से संजीव शर्मा ने राजेन्द्र सिंह हेट कैप भेंट कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम के अंत में संस्था के संरक्षक महाराव राजा वंशवर्धन सिंह ने सभी अतिथियों और उपस्थित सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि, पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सभी का साथ और सहयोग अत्यंत आवश्यक है। 

इस अवसर पर संस्था के सचिव संजय खान वरिष्ठ सदस्य पुरुषोत्तम पारीक, पृथ्वी सिंह राजावत ने संजीव शर्मा, संस्था के सदस्य विट्ठल सनाढ्य, पुरुषोत्तम पारीक, पृथ्वी सिंह राजावत, राजवीर सिंह हाड़ा आदि उपस्थित रहे।

इसके बाद यात्रा डाबी बरड़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत लांबाखोह पहुंची। यहां ऐरू नदी संरक्षण की संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में स्थानीय ग्रामीणों, समाजसेवियों व पर्यावरण प्रेमी शामिल रहे। यहां ग्रामीणों ने मुख्य अतिथि जलपुरुष राजेन्द्र सिंह जी का स्वागत किया। यहां जलपुरुष जी ने कहा कि, नीर, नदी और नारी का सम्मान करने वाला देश आज भटकाव के रास्ते पर है। इस भटकाव के रास्ते में नदी के सदाचार को मानव-सदाचार के साथ जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। हम नदी की आवश्यकताओं की ओर नहीं मुड़ रहे हैं। हमें अपने लक्ष्य को समझना, नदियों को हमें अपनी माँ की तरह प्यार और सम्मान के साथ समझना होगा। नदियों का संकट हमारा ही संकट है। इस बात को समझने वाले लोग अपने और नदी के संकट से मुक्ति के उपायों पर विचार नहीं कर रहे हैं। आज इस विचार को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। इस विचार के अनुरूप जहां-जहां नदियों पर काम हुए हैं, वहां नदियों का संकट मिटा है। इस संकट को मिटाने के लिए भारत में बहुत सारी कोशिशें हुई हैं और उन कोशिशों को सफलता भी मिली है।

इस संगोष्ठी में जमना लाल बजाज, रोबिन सिंह, बृजेश विजयवर्गीय, विठुल सनाढ्य आदि उपस्थित रहे।

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